दक्षिण भारत का इतिहास विजयनगर बहमनी साम्राज्य South India Vijaynagar Bahmani empire by Ankita Dhaka
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 Published On Premiered Mar 17, 2022

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विजयनगर / Vijay Nagar
हरिहर और बुक्का / Harihara and Bukka
1336 ई. विजयनगर की स्थापना ।
1336 AD Establishment of Vijayanagara.

हरिहर प्रथम 1336-1356 ई. / Harihara I 1336-1356 AD.
संगम वंश का प्रथम शासक था ।
राजधानी - अनेगुण्डी विजयनगर

बुक्का प्रथम 1356-1377 ई. [वेदमार्ग प्रतिष्ठापक]
Bukka I 1356-1377 AD [Vedamarga Pratisthapak]

हरिहर द्वितीय (1377 -1404ई.) / Harihara II (1377-1404 AD)
विरूपाक्ष प्रथम [1404 - 1405ई.] / Virupaksha I [1404 - 1405 AD]

देवराय प्रथम [1406 - 1422ई.] / Devaraya I [1406 - 1422 AD]
सोनार की बेटी का युद्ध। / Battle of Sonar's Daughter.
इटली यात्री निकोलोकोन्टी विजयनगर आया। /Italian traveler Nicolaconti came to Vijayanagar.


देवराय प्रथम के दरबार में श्रीनाथ रहते थे जिन्होने हरविलासम् की रचना की थी।
हरिद्रा बांध बनवाया ।

रामचन्द्र राय (1422ई.) वीर विजय बुक्का (1422-1424.ई)
देवराय द्वितीय (1424-1446ई.)
गजबेटकर तथा इम्माडि देवराय की उपाधि धारण की
संगम वंश का शक्तिशाली शासक था ।

महानाटक सुधानिधि तथा ब्रह्मसूत्र पर टीका की रचना की
Composed a commentary on the great drama Sudhanidhi and Brahmasutra

मल्लिकार्जुन (1446 - 1465 ई), विरुपाक्ष द्वितीय (1465 - 1485ई.)
प्रौढ़ राय (1485 ई.) (प्रबुद्ध राय) संगम वंश का अंतिम शासक था।

सालुव वंश (1485 - 1505 ई.)
नरसिंह सालुव [1485 - 1491ई.]
थिम्म भूपाल (1491ई.)
इम्माडि नरसिंह (1491ई - 1505ई.)


तुलुव वंश 1505 - 1570ई.
वीर नरसिंह 1505 - 1509 ई.
कृष्णदेव राय (1509 - 1530 ई.) [वीर नरसिंह का भाई]
1510 ई. पुर्तगालियों ने बीजापुर से गोवा छीना लिया
कृष्णदेव राय के दरबार में तेलुगु के 8 विद्वान रहते थे
8 scholars of Telugu lived in the court of Krishna Deva Raya

हजारा मंदिर, विट्ठलस्वामी मंदिर, विरूपाक्ष मंदिर और चिदम्बरम् मंदिर का निर्माण करवाया ।

अच्युतदेव राय (1529 - 1542ई.)
पुर्तगाली यात्री नूनिज विजयनगर आया ।
सदाशिव राय (1542 - 1570 ई.)
वास्तविक शासक रामराय था ।
बीजापुर, गोलकुण्डा", अहमदनगर, बीदर, बरार ।

अरविडु वंश 1570-1650 ई.
रामराय के भाई तिरूमल ने सदाशिव राय को हराकर अरविडु वंश की स्थापना की।
राजधानी पेनुगोण्डा
1612 ई. में मैसूर में वाडियार वंश की स्थापना हुई।

अरविडु वंश का अंतिम शासक रंग तृतीय था जो विजयनगर का भी अंतिम शासक था।
विजनगर के पतन के बाद तंजौर, मैसूर, मदुरा स्वतंत्र राज्य बने।
बहमनी राज्य 1344-1527ई.
अलाउद्‌दीन हसन बहमानशाह

मुहम्मद बिन - तुगलक के समय में बहमनी साम्राज्य की स्थापना।
मूल नाम जफर खाँ । हसन गंगू भी कहते हैं।
ईरान के योद्धा बहमानशाह का वंशज मानता था स्वयं को
दौलताबाद, बरार, गुलबर्गा, बीदर

मुहम्मदशाह प्रथम [1358 - 1375 ई.)
मुहम्मदशाह द्वितीय 1378-1397 ई.
ताजुद्दीन फिरोजशाह 1397 - 1422ई.
अहमदशाह प्रथम (1422 - 1436 ई )फिरोजशाह का भाई था]
अहमदशाह द्वितीय (1436-1458ई.]
हुमायूँ 1458-1461ई.
निजामशाह 1461-1463 ई.

महमूद तृतीय (1463-1482ई.)
महमूदशाह 1482-1518 ई.
कलीमुल्लाह (1518 -1527) बहमनी वंश का अंतिम शासक था

रामचंद राय ,वीर विजय बुक्का 1422 -1424 ई.
देवराय II [1424 -1446 ई.]
मल्लिकार्जुन,विरुपाक्ष II






Nizamshah 1461-1463 AD.

Humayun 1458-1461 AD.

Ahmad Shah II (1436-1458 AD)

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