बुटाटी धाम 23/09/24 की संध्या काल की आरती (7891386159)
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 Published On Streamed live on Sep 23, 2024

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श्री चतुरदास जी महाराज मन्दिर बुटाटी धाम जिला नागौर राज्य राजस्थान


मंदिर में आरती का समय सुबह 5:30 बजे शाम को सुर्याअस्त के पश्चात

मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को निम्न कार्य करने होते हैं ।।

लकवा ग्रस्त पीड़ित व्य
क्ति के साथ परिवार का कोई एक सदस्य साथ हो तो ही
मंदिर परिसर में 1 दिन और अधिकतम 7 दिन तक ही रहे सकता है (एक दिन आने का एक दिन जाने का 5 दिन लगातार )7 वे दिन सुबह की आरती के दर्शन कर वापस गाँव जाना होता है !पीड़ित व्यक्ति के साथ मंदिर में रहने के दौरान 1 व्यक्ति का उसके साथ होना आवश्यक है तथा पंजीयन मंदिर में आवश्यक करवावे।।

*अकेले आदमी को मंदिर परिसर में रुकने पर पाबंदी है ।



1 मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को सबसे पहले अपने बीमार मरीज़ को मंदिर में दर्शन कराने व परिकम्मा लगवानी हैं
तथा धुनें में से भभूति लेकर लकवा पीड़ित व्यक्ति के जहां लकवा है वहां लगानी होती है तथा मोली व तेल को धुनें से ऊवार कर श्री चतुरदास जी महाराज बाबा जी के नाम का स्मरण करते हुए मौली के 7 अलग-अलग गांठे लगाकर पीड़ित व्यक्तियों के गले में पहनानी है तथा तेल के अंदर भभूति मिलाकर सुबह-शाम जब भी समय मिले जिस अंग पर लकवा है वहां हल्के हाथ से स्वयं या परिजनों से मालिश करवानी है तथा कुछ भभूति अपने माथे पर टिक के रूप में लगानी है एवम कुछ मुंह में ग्रहण करें

2.उसके बाद आप मंदिर मे परिसर में रूकना चाहते है तो मंदिर के पंजीकरण कार्यालय में जाकर अपने मरीज़ का नाम और पत्ता लिखवाना है और आधार कार्ड नंबर और मोबाइल नंबर लिखवाना अनिवार्य है और उसके बाद अपनी रसीद लेना है रसीद लेने के बाद बर्तन बिस्तर भंडार से आपको आवश्यकता अनुसार बर्तन व बिस्तर लेने है।।
मन्दिर मे दान /दानपात्र में ही डाले अन्यथा मन्दिर कार्यालय मे जमा करावे और रसीद अवश्य वह मोबाईल नम्बर अवश्य लिखावे चाहे आप गुप्तदान करते हो
3.उसके पश्चात मंदिर परिसर में उचित जगह हॉल, बरामदा या यदि कमरा खाली हो तो उसमे अपने बिस्तर लगा कर आपको रहना है।।
मंदिर में बने हुए कैमरे मंदिर समिति किसी के लिए बुक नहीं करती आपको स्वयं को कमरे में रह रहे व्यक्तियों से बात करके जब वह कमरा खाली करें तब आपकों कमरा लेना है ।।

4. विशेषसूचना , मदिर समिति किसी भी श्रद्धालुओं को कमरा उपलब्ध नहीं करवाती हैं और ना ही कमरे के ताला लगाती है और ना ही कमरे का किसी प्रकार का शुल्क लेती है यहा सभी प्रकार की प्रकार की सुविधाएं रहना,भोजन,चाय,नाश्ता
नि शुल्क है ॥
5. बुटाटी धाम मंदिर में 7 दिन रुकना होता है तथा सुबह शाम की आरती के दौरान पीड़ित व्यक्ति को मंदिर के सामने आरती चौक पर लाना है तथा व्हीयल चैयर स्ट्रेचर से नीचे बैठाना है और आरती के दर्शन करने हैं दर्शन के पश्चात मंदिर में दर्शन करने जाना है धुनें से भभूति लेकर पीड़ित व्यक्ति के जहां पीड़ा है लकवा है उसे जगह लगानी है
जिस दिन आप बुटाटी धाम मंदिर में आते हैं उसे दिन का 1 दिन गिना जाएगा 5 दिन आपको सुबह शाम आरती में सम्मिलित होकर फरी लगानी है सातवें दिन आपको सुबह की एक फेरी लगाकर अपने घर की ओर जाना है ।।
6. श्रद्धालुओं के नहाने व शौच के लिए 2 शौचालय मन्दिर परिसर में हि बने हुए हैं उनका उपयोग करना है वह चार्जेबल हैहै शौच के लिए मंदिर परिसर से बाहर नहीं जाना है बाहर बुटाटी ग्रामीणवाशीयो व बुटाटी सरपंच जी द्वारा बाहर खुले में शौच करने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है आपके साथ कोई वाद विवाद हो सकता है यदि हुआ तो उसके जवाबदार आप स्वयं होगे ।।
7. मंदिर की भोजशाला से भोजन,चाय,नाश्ता उतना ही लेव जितना आप ग्रहण कर सकते हो खाना आवश्यकता से ज्यादा नहीं लेवे यदि बच जाता है उसको वापस जमा करा देवे
8. मंदिर परिसर की साफ सफाई रखनी है कचरा कचरा पात्र में डालें पीने के पानी के स्थान पर बर्तन नहीं धोए बर्तन धोने के स्थान पर ही आपको बर्तन धोना है बर्तन धोने के लिये भोजनशाला के पास व्यवस्था है वही पर बर्तन धोये।।
9. पीड़ित व्यक्ति के साथ में आये हुए परिजनों को मंदिर के माइक से जब भी सेवा के लिए बुलाया जावे तो आपको सेवा अवश्य देनी यहाँ आप जितनी सेवा करते हो उतना ही जल्दी मरीज ठीक होता है।यह कार्य आपके द्वारा ही किया जाता है आपके सहयोग से ही यह कार्य हो सकता है। ।।
मंदिर के जो भी कार्य हैं वह आए हुए श्रद्धालुओं के द्वारा ही किए जाते हैं ।।

10.मंदिर परिसर में मरीज के अलावा कोई भी चढा ,हाफ पैंट, कैफरी नहीं पहने इस पर पाबंदी है ।।

11.मंदिर परिसर में 1 मरीज के साथ अधिकतम कर परिजन ही रोक सकते हैं बिना रजिस्ट्रेशन करवाएं हुए कोई भी रात्रि में मंदिर परिसर में नहीं रूके।।

12.मंदिर परिसर में बीड़ी, सिगरेट,
गुटका खाने पर पाबंदी है शराब पीये हुवे व्यक्ति मंदिर परिसर में प्रवेश नहीं करें ।।
मन्दिर मे किसी माँगने वाले को पैसे नही देवे यदि आप के नजरमे आता है तो उसकी सूचना मन्दिर कार्यालय में देवे ।
13.आपको किसी भी व्यक्ति के बहकावे में नहीं आना है आपको कोई जानकारी लेनी हो मंदिर परिसर में बने हुए कार्यालय में संपर्क करें ।
मंदिर में आए हुए सभी श्रद्धालुओं से निवेदन है आप अपने कीमती सामान चेन पर्स मोबाइल सोने के गहनों का स्वयं ध्यान रखें मंदिर में जब दर्शन करने जाएं तो महिलाएं अपने सोने का आभूषणों को ढक के रखें पुरुष पेंट के पीछे की जेब में पर्स मोबाइल आदि नहीं रखें फिर भी कोई घटना घटित हो जाए तो आपको तुरंत आपके आसपास खड़े हुए सुरक्षाकर्मी मंदिर के कर्मचारियों को सूचना देनी है तथा मंदिर के कार्यालय में जाकर सुचना आवश्यक रूप से देंवे।

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