Tuva Timba Kund History and Culture || Tuva Hot Water Gujarat || Tuva Timba Kund History in Hindi ||
Bindass Barodian Bindass Barodian
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 Published On Premiered Aug 16, 2024

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गोधरा से 15 किमी दूर टुआ में है राम कुंड, यहां स्नान से चर्म रोग… छूमंतर!
चमत्कार देखने देशभर से आते हंै लोग, 100 मीटर क्षेत्र में 10 डिग्री से 100 डिग्री तापमान तक के पानी के कुंड

गोधरा से लौटकर संजय रजक
इंदौर. गोधरा से 15 किमी दूर ऐसी जगह है, जिसका रहस्य वैज्ञानिक भी समझ नहीं पाए। यहां भगवान राम द्वारा बनाए गए कुंड हैं। 100 मीटर के क्षेत्र में बने 108 कुंड में अलग-अलग तापमान का पानी है। कुछ कुंड ऐसे हैं, जिनमें पानी उबल रहा है, तो कुछ में हाड़ कंपा देने वाला ठंडा पानी। कहा जाता है कि इनमें स्नान करने से चर्म रोग दूर हो जाते हैं।
इंदौर-अहमदाबाद रोड पर गोधरा से करीब 15 किमी टुआ गांव में है रामकुंड। इस स्थान का संबंध रामायण और महाभारत दोनों से है। छह पीढिय़ों से भगवान भोले की सेवा कर रहे सेवादार हेमंत गिरि के अनुसार यह जगह सरबंग ऋषि के आश्रम की है। पौराणिक कथाओं के अनुसार उन्हें श्रापवश कोढ़ हो गया था, जिसका निराकरण भगवान राम के पास था। भगवान राम ने ऋषि को श्रापमुक्त करने के लिए बाण चलाया और अलग-अलग कुंड बन गए, जिसमें अलग-अलग तापमान का पानी आने लगा। कुंड के पास बने पांडव आश्रय स्थल और भोलेनाथ मंदिर के संबंध में भी एक कथा प्रचलित है। इसके अनुसार यहां भीम की शादी हेरनवामन के साथ हुई थी। पांडवों की पूजा-अर्चना के लिए भगवान भोले प्रकट हुए थे।

यह है मान्यता
सेवादार हेमंत गिरि के अनुसार 108 कुंड में लगातार पांच सप्ताह तक नहाने से चर्म रोगों से मुक्ति मिल जाती है। ठीक हुए श्रद्धालु को एक कुंड बनाना होता है। यहां रोज 300 से 500 श्रद्धालु दर्शन और कुंड स्नान के लिए आते हैं। इसके अलावा नवरात्रि , श्रावण और नव वर्ष के दौरान हजारों लोग यहां आते हंै।

वैज्ञानिक भी नहीं समझ पाए रहस्य
गिरि ने बताया 1965 से 70 के बीच कुछ वैज्ञानिक यहां शोध करने के लिए आए थे। उन्होंने पानी के सेंपल लिए और कुंड से 200 मीटर दूर एक बोरिंग करवाया। इसमें पाइप डालते ही पाइप गल गए। यहां गर्म पानी निकलने लगा। कई लोग शोध के लिए आ चुके हैं, जिन्हें खाली हाथ वापस लौटना पड़ा।

भीम के पैरों की होती है पूजा
कुंड के पास पहाड़ी पर भोलेनाथ का मंदिर है। इसके ठीक सामने भीम के पैरों के निशान हंै। इसके पास एक पत्थर पर हनुमानजी की आकृति बनी है। थोड़ी दूर पर बटुक भैरव बने हुए हैं।

एक फीट पर गर्म पानी, दूसरे फीट पर ठंडा
दूर से तो कुंड सामान्य कुंड की तरह लगते हैं, लेकिन कुंडों का पानी हाथ में लेने पर सभी के पानी का तापमान अलग-अलग महसूस होता है। 100 मीटर की परिधि में बने कुंडों में एक फीट पर ठंडे पानी का कुंड है, तो दूसरे में उबलता पानी।

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