Published On Sep 8, 2022
हर्ष और उल्लास के साथ बस्तर में मनाया जाता है नया खानी त्यौहार🙏🙏
छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर सम्भाग आदिवासी बहुल क्षेत्र है जिसमें गोंड़ ,मुरिया , धुरवा, हल्बा , भतरा , गदबा , माड़िया आदि बस्तर में प्रमुख रूप से जनजाति पाई जाती है । बस्तर में पर्वों को मानने की शैली आदिवासियों की अलग होती है । वही बस्तर में नव वर्ष के रूप में माटी तिहार का उत्सव में धरती माता को आभार प्रकट करते हैं और अमुस तिहार में खेतों में किट प्रकोष्ठ को नष्ट करने के लिए अनेक प्रकार की जड़ी बूटियों को खेतों में गाड़ दिया जाता है । बस्तर में दियारी त्यौहार में पशुओं को चराने वाले धोरई को सम्मान किया जाता है , उसी प्रकार बस्तर में नई फसल को उपयोग करने से पहले अपने पुरखों /इष्ट देवता /पेन को नया धान को अर्पित करते हैं।
आदिवासी बहुल क्षेत्र बस्तर में नया खानी में परंपराओं के अनुसार धान की नई फसल की बालियों को तोड़कर उन्हें आग में भुज कर कूट दिया जाता है, हल्बा समुदाय से चिवड़ा खरीद कर लाए रहते हैं इन दोनों को मिश्रण पर अपने पुरखों की देवी/ देवता /पेन को समर्पित करते हैं । इसके पश्चात पूरे परिवार वाले नए धान को ग्रहण करने की पूर्व परिवार के सभी लोग टीका लगवा लेते हैं । प्रसाद के रूप में कूड़ही पता से ग्रहण करते हैं, साथी छोटे-छोटे बच्चों को पारंपरिक शिक्षा देने के लिए लड़के के लिए बैल खेती-बाड़ी करने की शिक्षा बढ़ावा देते हैं , वही लड़कियों को चूल्हा बर्तन से त्योहारों के रूप में शिक्षा दिया जाता है ताकि आगे जाकर अपने पारंपरिक शिक्षा दी जा सके आगे जाकर अपने पैर में खड़े होकर खेती कमानी कर सके इसलिए पारंपरिक शिक्षा दी जाती है ।
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