Published On Dec 8, 2022
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/ @newspotli
अगर आप किसी जानकार से पूछेंगे कि खेती से पैसा कैसे कमाएं? उनका जवाब होगा, फल-सब्जियों की खेती यानि बागवानी करिए। सब्जियों की खेती में भी वो किसान ज्यादा मुनाफा कमाते हैं, जो अपनी नर्सरी खुद तैयार करते हैं। कई किसान तो नर्सरी का बिजनेस कर लखपति बन चुके हैं। कई युवा अपनी चलती नौकरी छोड़कर फल और सब्जियों की नर्सरी करने लगे। अब तो जमाना वो है जब खीरा-गोभी से लेकर केला, कटहल, ड्रैगन फ्रूट और गन्ने तक की नर्सरी तैयार मिलती है, किसान को भी फायदा और उगाने वालों को भी मुनाफा। इसलिए न्यूज पोटली के इस वीडियो में आपको सब्जियों की नर्सरी के बारे में विस्तार से जानकारी दी जा रही है।
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सब्जियों की नर्सरी
भारत में ताजी सब्जियों और फलों की मांग दिनों बढ़ती जा रही है, इसलिए सरकार का जोर है कि किसान ज्यादा बागवानी या फल और सब्जियों की खेती करें। फूल गोभी, टमाटर, हरी मिर्च, बैंगन, ब्रॉकली, शिमला मिर्च, धनिया, मूली, चुंकदर और लौकी तरोई समेत कई ऐसी सब्जियां हैं, कोई अनहोनी न हो तो कम समय में ज्यादा मुनाफा देकर जाती हैं। लेकिन इसके लिए जरुरी है कि सब्जियों के बीजों की सही किस्मों का चुनाव, बेहतर खेत की तैयारी, और अच्छी तरह से तैयार नर्सरी। क्योंकि अगर नर्सरी आपने तैयार कर लिया तो समझिए सब्जियों की खेती की आधी जंग आपने जीत ली।
चलिए आपको एक ऐसे किसान से मिलवाते हैं जो आपको नर्सरी की खेती और बिजनेस की बारीकियां बताएंगे।
पंजाब में फगवाडा के रहने वाले किरपाल सिंह पिछले कई वर्षों से 10 एकड़ में सिर्फ सब्जियों की नर्सरी उगा रहे हैं, इसे उन्हें सालाना कई लाख की आमदनी होती है। किरपाल सिंह अपनी नर्सरी में मौसम के हिसाब से नर्सरी उगाते हैं। नर्सरी की खेती या बिजनेस में एक और महत्वपूर्ण तथ्य है कि आपकी नर्सरी तभी बिकेगी या सब्जी का फायदा तभी मिलेगा जब आप समय से पहले खेती करेंगे। इसलिए बुवाई की नई तकनीकों में लो-टनल, ग्रीन हाउस, पॉली हाउस, बुवाई की ट्रे और बुवाई के लिए ग्रोइंग मैटेरियल महत्वपूर्ण हो जाता है
नर्सरी की और ज्यादा जानकारी से पहले आपको बता दें कि भारत बागवानी फसलों का दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। वैश्विक फल और सब्जी के उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी करीब 12 फीसदी है जो तेजी से बढ़ रही है। देस में करीब 28 मिलियन हेक्टेयर में फल-सब्जियों की खेती होती है,जिससे करीब 340 मिलियन टन उत्पादन होता है।
सब्जियों की नर्सरी इसलिए जरुरी है क्योंकि ज्यादतर सब्जियां नाजुक होती हैं। पूरे खेत में लगाने पर उनकी देखभाल मुश्किल हो जाती है। दूसरा कम जगह में नर्सरी उगाकर या दूसरी जगह से तैयार नर्सरी लाकर आप अपनी मेहनत और रिस्क दोनों कम कर सकते हैं, जबकि अगर आपकी फसल मार्केट में दूसरे किसानों से 15 दिन पहले आ गई तो आप अच्छा मुनाफा का सकते हैं।
चलिए वापस किरपाल सिंह के फार्म पर फगवाड़ा ले चलते हैं, किरपाल सिंह पहले वो बीज की बुवाई हाथ से करते थे लेकिन अब वो ट्रैक्टर से चलने वाली मशीन इस्तेमाल करते हैं, एक लाख रुपए की ये मशीन 2 घंटे में ही एक एकड़ बीज बो सकती है। ये मशीन करीब 25 तरह की सब्जियों की बुवाई कर सकती है।
किरपाल सिंह के मुताबिक सब्जियों की खेती में सबसे महत्वपूर्ण होता है बीज। उनके मुताबिक किसानों को स्टैंडर्ड कंपनियों के बीज इस्तेमाल करने चाहिए, जिनका जर्मनिशेन 90 फीसदी के करीब होता है।
नर्सरी में एक और महत्वपूर्ण है कि कुछ सब्जियों की नर्सरी को सीधे खेत में उगाया जा सकता है जबकि कुछ को ट्रे में उगाना चाहिए, जैसे प्याज, मिर्च, शिमला मिर्च, आदि को खेत में उगाया जा सकता है लेकिन, खीरा, कद्दू लौकी, तरबूज, बैंगन, टमाटर आदि को ट्रे में उगाना ज्यादा फायदेमंद है। फसल के अनुसार ट्रे का चुनाव कर ग्रोइंग मीडियम,जिसमें जड़े अच्छी तरह विकसित हों तो, ऐसे लोग कोकोपिट, वर्मी कंपोस्ट परलाइट वर्मीपर्लाइट आदि का चुनाव करते हैं, हरियाणा के कुरुक्षेत्र में किसान हरबीर सिंह धान की जली भूसी, गोबर गैस की स्लरी और बालू को मिलाकर भी मीडियम बनाते हैं। हालांकि ज्यादातर किसान कोकोपिट और वर्मी कंपोस्ट ही इस्तेमाल करते हैं।
नर्सरी यानि पौध में सिंचाई का ध्यान रखना जरुरी है। पौध या बीज कोमल हैं इसलिए सीधे पानी न लगाएं। बीजों और नर्सरी दोनों को बस नमी चाहिए। नर्सरी हर हाल में बेड पर हो, ताकि आप उसमें नालियों में पानी दें सकें। इसके अलावा रेन पाइप, मिनी स्क्पिंकलर, का इस्तेमाल बेहतर उत्पादन देता है, अगर ये सुविधाएं नहीं हैं तो हजारा का इस्तेमाल करें। ये भी नहीं हैं किसी
किसान साथियों तो ये जानकारी थी कि आप जान पाएं कि नर्सरी कैसे तैयार की जाती है, इसका बिजनेस कैसे होता है। फल और सब्जियों की नर्सरी को लेकर न्यूज पोटली पर कई वीडियो पहले से मौजूद हैं, जिन्हें देखकर आप आसानी से समझ सकते हैं और अपनी नर्सरी खुद उगाकर, नर्सरी का बिजनेस करके मुनाफा कमा सकते हैं।
किसान साथियों ये वीडियो आपको पसंद या हो लाइक और चैनल को सब्सक्राइब करना न भूले। न्यूज पोटली आपका अपना चैनल है।
न्यूज पोटली के लिए आशीष यादव के साथ अरविंद शुक्ला कि रिपोर्ट