नर्मदा परिक्रमा मार्ग पर ग्राम बकावा में बनते है शिवलिंग | देश विदेश में जाते है शिवलिंग
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 Published On Sep 27, 2021

नर्मदा के तट पर गांव है बकावा
ग्राम बकावा से देश के साथ विदेशों में भी होता है शिवलिंगों का किया जाता है निर्यात, शिवलिंग के कारोबार से चलता है परिवारों का जीवन।

नर्मदा तट का गांव बकावा, यहां हर कंकर में बसते हैं शंकर, गांव के 400 लोग बनाते शिवलिंग। गली-गली में शिवलिंग गढ़े जाते हैं। नर्मदा के पत्थरों को तराशकर उन्हें शिवलिंग की सूरत देने वाले आधा गांव जुटा है इस काम में है। कथानुसार नर्मदा का हर कंकर शंकर के समान है। इस बात को सार्थक कर दिया है रेवा के तट पर बसे बकावां के रहवासियों ने। पत्थरों पर विशेष कारीगरी कर उन्हें शिवलिंग का आकार देने व इसी के बूते अपने परिवार का भरण पोषण करने की यह परंपरा करीब १५० साल पुरानी हैं। ग्रामीणों कहना है कि अहिल्याबाई होलकर ने पहला शिवलिंग बनवाया।

नर्मदा पुत्र बसंत पांचाल की एक रिपोर्ट

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