Published On Oct 31, 2022
Chhath Puja Bilaspur 2022 (छठ पूजा पर्व) || Chhath Puja Special || Navneet K Bhagat Vlogs.
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जय जोहार संगवारी हो !
आप सभी का स्वागत करता हु हमारे इस चैनल Navneet K Bhagat Vlogs में तो आज मैं आपको ले चलूंगा छ्त्तीसगढ़ राज्य के बिलासपुर जिले में पूरे देश में छठ पूजा की धूम मची हुई है। ऐसे में छठ घाट का जिक्र होना भी लाजिमी है। पूरे देश में एरिया बतौर सबसे बड़ा पूजा स्थल तो मुंबई के जुहू का चौपाटी है, मगर यह अस्थाई घाट है। यह जानकार आपको आश्चर्य होगा कि देश में सबसे बड़ा स्थाई और व्यवस्थित घाट बिलासपुर शहर के तोरवा स्थित अरपा नदी पर है, जहां एक साथ 40 हजार व्रती अर्घ्य देने पहुंचते हैं। इतना बड़ा घाट तो पर्व के उद्गम स्थल बिहार में भी नहीं है। छठ मुख्य रूप से बिहार प्रांत का पर्व है। पर्व मनाने घाटों, नदी या तालाब के घाटों का विशेष महत्व है।
यहां डूबते और फिर उगते सूर्य को अर्घ्य देते हुए छठी मैया की पूजा-अर्चना की जाती है। छठ पूजा के लिए बिहार में सैकड़ों घाट हैं। अकेले राजधानी पटना में 82 घाट हैं, पर सभी घाटों का एरिया महज 100 से 200 मीटर ही है, जबकि तोरवा स्थित छठ घाट साढ़े 7 एकड़ में फैला हुआ है। यहां एक किलोमीटर एरिया में पूजा व अर्घ्य के लिए बेदी बनाई जाती है, जिसमें 40 हजार से अधिक श्रद्धालु एक साथ सूर्य देव को अर्घ्य दे सकते हैं।
हालांकि पूजा स्थल पर गौर करें तो मुंबई का जुहू स्थित चौपाटी सबसे बड़ा घाट माना जा सकता है, लेकिन यह स्थाई नहीं है। तोरवा छठ घाट स्थाई है, जहां स्थाई रूप से लाइटिंग, पार्किंग स्थल, सामुदायिक भवन, गार्डन के साथ ही समीप में पुलिस चौकी है। दूसरी ओर, देश के अन्य पूजा स्थलों पर गौर करें तो यहां पर्व के दौरान महज तीन दिनी व्यवस्था बनाई जाती है।
तोरवा पुल के पास अरपा नदी पर बने छठ घाट का नजारा, यहां 40 हजार से अधिक श्रद्धालु दे सकते हैं सूर्य देव को अर्घ्य।
व्यवस्थित में हमारा घाट देश में सबसे बड़ा
पाटलीपुत्र संस्कृति विकास मंच के पूर्व अध्यक्ष व वर्तमान में छठ घाट पूजा समिति के अध्यक्ष एसपी सिंह के अनुसार देश में हमारे शहर से बड़ा व व्यवस्थित घाट और कहीं नहीं है। मुंबई की चौपाटी में जरूर छठ पूजा होती है, जिसकी वजह से वहां घाट का निर्धारण नहीं है। इस वजह से सबसे बड़ा पूजा स्थल वहां का माना जा सकता है। मगर एक व्यवस्थित व स्थाई घाट का जितना बड़ा एरिया तोरवा स्थित घाट है और कहीं नहीं है। शहर के लिए यह गर्व की बात है।
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