Published On Premiered Sep 12, 2024
#jainsamaj #jainsadhvi मैने जैन साध्वी परिधान क्यों छोड़ा..खास साक्षात्कार वैभव श्री विराट के साथ..
मेरे सवालों का मेरे दीक्षागुरु के पास कोई समाधान नहीं था...
यह दुनियां सदगुरु की पहिचान नहीं करती बस धर्म गुरुओं को ही मानती है...इनमे से अधिकांश बस परिधान से संत होते है आचरण से नहीं..
परंपराएं आदमी को परतंत्र बनाती है..
ओशो रजनीश के शब्द दिल में उतरते गए और परिवर्तन घटता गया
हमारी नजर सिर्फ समस्याओं पर होती है जबकि समाधान भी हमारे सामने ही होता है।
मुझे किसी भी संत और साध्वी के अंदर वो जीवंत जीवन नही देखा....अधिकांश अपने वजूद की सुरक्षा में ही लगे हुए है..
खुली बात.....आखिर क्यों छोड़ा जैन साध्वी का वो परिधान....
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