Published On Oct 4, 2024
आज 05 अक्तूबर, शनिवार को शारदीय नवरात्रि का तृतीय दिन है। इस दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप की पूजा-आराधना की जाती है। मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप को चंद्रघंटा के नाम से जानते हैं। नवरात्रि उपासना में तीसरे दिन इन्हीं के विग्रह की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन मां को अन्य भोग के अलावा शक्कर और पंचामृत का भोग लगाना चाहिए। मान्यता है कि यह भोग लगाने से माँ दीर्घायु होने का वरदान देती हैं। इनके पूजन-अर्चन से व्यक्तित्व में वैराग्य, सदाचार और संयम बढ़ता है।
मां चंद्रघंटा के वंदन से मन को परम सूक्ष्म ध्वनि सुनाई देती है जो मन को बहुत शांति प्रदान करती है। चूंकि इनका वर्ण स्वर्ण जैसा चमकीला है और यह हमेशा आसुरिक शक्तियों के विनाश के लिए सदैव तत्पर रहती हैं, इसलिए इनकी आराधना करने वाले को भी अपूर्व शक्ति का अनुभव होता है। मां चंद्रघंटा की पूजा करने से भक्तों को तेज और ऐशवर्य की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं देवी चंद्रघंटा के स्वरूप, पूजा विधि से लेकर मंत्र आरती तक सब कुछ।
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