बाल श्रम कराने पर होगी सजा
MAHENDRA SAINI MAHENDRA SAINI
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 Published On Nov 16, 2018

किसी भी देश में सबसे कीमती अगर कुछ होता है तो वह उस देश के बच्चे- श्रीमती रेणुका सिंह हुड्डा, सचिव, अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अलवर

राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से दिनांक 12.11.2018 से दिनांक 18.11.2018 तक विधिक सेवा सप्ताह आयोजित करने हेतु आज दिनांक 16.11.2018 को जयंती फैक्ट्री, जयपुर रोड अलवर में विधिक जागरूकता शिविर आयोजित किया गया।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अलवर के सचिव एवं अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश श्रीमती रेणुका सिंह हुड्डा ने उपस्थित लोगों को बताया कि विधिक सेवा सप्ताह के दौरान माननीय नालसा एवं रालसा द्वारा जारी विभिन्न योजनाएं जैसे राजस्थान पीड़ित प्रतिकर स्कीम 2011, राष्ट्रीय लोक अदालत, स्थाई लोक अदालत, मध्यस्थता, निशुल्क विधिक सहायता आदि की विस्तृत रूप से जानकारी प्रदान की। सचिव महोदया ने बाल मजदूरी पर विशेष टिप्पणी करते हुए बताया कि अगर कोई बच्चा खुद के लिए या फिर परिवार को आर्थिक रूप से मदद करने के लिए कोई काम करता है और उस काम को करते वक्त अगर उसके शारीरिक और सामाजिक विकास में बाधा पहुंचती है तो उसे बाल मजदूरी कहा जाता है। साथ ही यह भी बताया कि किसी भी देश में सबसे कीमती अगर कुछ होता है तो उस देश के बच्चे। क्योंकि आगे चलकर बच्चों को ही देश चलाना है उनके हाथों में देश का भविष्य है। आज अगर देश के बच्चे सुरक्षित है तो कल समाज भी सुरक्षित रहेगा।

शिविर के दौरान श्रम विभाग की ओर से उप श्रमायुक्त श्री सुनील यादव, निदेशक जयंती कोल्ड स्टोरेज, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अलवर के कनिष्ठ सहायक श्री उपेंद्र कुमार शर्मा, श्री अमित अरोड़ा, श्री महेंद्र कुमार सैनी, श्री संदीप शर्मा, श्री राहुल पाटोदिया आदि उपस्थित रहे।

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