Published On Sep 21, 2019
“खिलौना” (1970) एक फैमिली ड्रामा फिल्म थी. गुलशन नंदा की स्टोरी और screenplay को निर्देशक चंदर वोहरा ने पूरा न्याय दिया. उस साल राजेश खन्ना की पांच सुपरहिट फिल्मों की आंधी में भी इस फिल्म ने सुपरहिट फिल्म का Tag हासिल किया. पर इस फिल्म ने जो बहुत बड़ा काम किया वो ये की संजीव कुमार और मुमताज़ को top कलाकारों की पंक्ति में ला खड़ा किया. मुमताज़ ने पहले बाल कलाकार फिर extraके रूप में अपना career शुरू किया. उन्हें lead रोल मिले तो दारा सिंग की pictures में जिसमे काम करने से सभी बड़ी छोटी हीरोइनों ने मना कर दिया था. पर मुमताज़ ने कभी मना नहीं किया. दारा सिंग के साथ उन्होंने शायद करीब 16 फिल्में कीं. काफी संघर्ष के बाद उन्हें पहचान मिली राज खोसला की “दो रास्ते” से. उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. जब वो सफलता के शीर्ष पर थीं तो उन्होंने मयूर माधवानी से ब्याह रचा कर फिल्मों को अलविदा कह दिया. अब वो लंदन में रह रहीं हैं.
“खिलौना” को 1971 के Filmfare Awards में 6 nominations मिले. फिल्म को Best Film का award मिला. मुमताज़ ने Best Actress का ख़िताब हासिल किया. उनकी टक्कर थी शर्मिला टागोर (सफ़र) और वहीदा रहमान (ख़ामोशी) से. Best Actor के लिए संजीव कुमार भी nominate हुए पर राजेश खन्ना (सच्चा झूठा) से पिछड़ गए,
(वजह तो पता नहीं, शायद संयोग भी हो सकता है, मुमताज़ के जितने भी hit गीत हैं उनमें ज़्यादातर में वो Orange रंग की ड्रेस पहने दिखाई देती हैं.)
इस गीत के गीतकार हैं आनंद बक्षी जी, थिरकने पर मजबूर करने वाला संगीत लक्ष्मीकांत प्यारेलाल जी का है और आवाज़ ? ....... लता दीदी के सिवाय इतना मीठा कौन गा सकता है.